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SHEKHAWATI TODAY

16 जून से 30 जून 2021 तक के समाचार

रामगढ़ शेखावाटी

 

स्वयं को रामगढ़ का सेकंड पर्सन समझने का भ्रम पालने वाले नगरपालिका के उपाध्यक्ष जमील कुरेशी अपना चेहरा कानून के आयने में देखे

 

नगरपालिका के अध्यक्ष के लिए ‘‘नगर पिता’’ या ‘‘नगर का प्रथम नागरिक’’ जैसे पद सम्भवत: कतिपय चाटुकारों द्वारा सृजित किए हुए प्रतीत होते हैं। क्योंकि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 (या इसके समकक्ष पुराने अधिनियम) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कानूनन व नैतिक रूप से ऐसे शब्दों का कोई औचित्य नहीं है। ठीक ऐसे ही शब्दों के मकडज़ाल में फंस कर रामगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष जमील कुरेशी भी स्वयं को नगर का सेकंड पर्सन समझने का भ्रम पाल बैठे हैं। अध्यक्ष या उपाध्यक्ष केवल नगरपालिका के होते हैं, पूरे नगर के नहीं। नगरपालिका राज्य के स्वायत्त शासन विभाग का एक कार्यालय या संस्था है जिसका गठन भारत के संविधान में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के उद्देश्य संविधान के भाग 9 क के अनुसार किया गया है और नगरपालिका के कार्य, शक्तियां व कर्तव्यों का उल्लेख संविधान के 243 व बारहवीं अनुसूचि में नीहित है। तदनुसार राज्य सरकार द्वारा नगपालिका के कार्यों के समुचित संचालन के लिये राजस्थान नगरपालिका अधिनियम बनाया गया तथा वर्तमान में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 प्रभावी है। पूरे अधिनियम पर दृष्टिपात करें तो अध्यक्ष या उपाध्यक्ष से पूर्व नगरपालिका शब्द आवश्यक रूप से लगाया गया है जिसका सीधा सा अर्थ है कि वे महज नगरपालिका के ही अध्यक्ष या उपाध्यक्ष हैं। नगर में संचालित अन्य सरकारी या गैर सरकारी कार्यालयों या संस्थाओं के नहीं। हां यह बात जरूर है कि स्थानीय स्तर के काफी कार्यों के संचालन का जिम्मा व उनके लिए नियम-उपनियम बनाने का जिम्मा नगरपालिका के हाथ में होता है लेकिन अन्य विभागों एवं संस्थाओं के कार्यों में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं होता।
    

आइए अब हम रामगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष को राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के आयने में उनको स्वयं का चेहरा दिखाते हैं।
      इस अधिनियम की धारा 48 की उपधारा 2 में नगरपालिका के उपाध्यक्ष के कृत्यों का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार-‘नगरपालिका का उपाध्यक्ष, अध्यक्ष की ऐसे शक्तियों का प्रयोग तथा ऐसे कर्तव्यों का पालन करेगा, जो अध्यक्ष उसे समय-समय पर प्रत्यायोजित करे। (नोट-रामगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष को अभी तक ऐसी शक्तियां या कर्तव्यों का प्रत्यायोजन नहीं किया गया है) उपाध्यक्ष के निम्नलिखित कर्तव्य भी होंगे- (क) अध्यक्ष की अनुपस्थिति में और जब तक युक्तियुक्त कारण से निवारित नहीं किया गया हो, नगरपालिका की बैठकों की अध्यक्षता करना और जब इस प्रकार की अध्यक्षता कर रहा हो, उसी प्राधिकार का प्रयोग करना जो उपधारा (1) के खंड (क) और (ख) के अधीन अध्यक्ष में निहित हैं, (नोट- रामगढ़ नगरपालिका के अध्यक्ष अपने अब तक के कार्यकाल में अनुपस्थित नहीं रहे हैं) और (ख) अध्यक्ष के छुट्टी पर अनुपस्थित रहने के दौरान, अध्यक्ष की शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यों का पालन करना। (नोट-रामगढ़ के वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष ने अपने अब तक के कार्यकाल में कोई छुट्टी नहीं ली है।)’’

राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 की उपधारा (1) के अनुसार नगरपालिका में कार्यपालक समिति का गठन होगा जिसमें खंड (ii) के अनुरूप नगरपालिका का उपाध्यक्ष इस समिति का सदस्य होगा। लेकिन दुर्भाग्यवश रामगढ़ नगरपालिका में अभी तक किसी समिति का गठन नहीं किया गया है जबकि  इसी धारा की उपधारा (5) के अनुसार नगरपालिका के गठन के नब्बे दिवस के भीतर-भीतर नगरपालिका द्वारा गठित की जायेगी, जिसमें विफल रहने पर राज्य सरकार, ऐसी समितियां गठित कर सकेगी।

निर्वाचन अधिकारी ने नगरपालिका उपाध्यक्ष के चुनाव के बाद निर्वाचित उपाध्यक्ष को पद की शपथ नहीं दिलाई। अर्थात नगरपालिका उपाध्यक्ष जमील कुरेशी ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 37 की उपधारा (1) के तहत सिर्फ नगरपालिका सदस्य के रूप में ही सदस्य ली है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भले ही जमील कुरेशी उपाध्यक्ष बन गये होंगे और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 की उपधारा (14) के तहत राजपत्र में नाम भी प्रकाशित हो गया होगा लेकिन फिलहाल उन्हें एक नगरपालिका सदस्य से ज्यादा अधिकार व दायित्व नहीं हैं और राज्य व केद्र सरकार अन्य कार्यालय में टांग अड़ाई का तो उन्हें कोई अधिकार नहीं है। वे न तो रामगढ़ नगर के उपाध्यक्ष हैं और न ही नगर के सेकंड पर्सन।

सीधी भाषा में समझे- हाकम अली खान ग्राम रोलसाहबसर के नागरिक हैं और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा में सदस्य हैं। यदि रोलसाहबसर ग्राम के सरपंच वहां के प्रथम नागरिक और उपसरपंच को दूसरा नागरिक मान लें तो फिर विधायक हाकम अली खान रोलसाहबसर में कौन नम्बर के नागरिक है? न तो संविधान में और न हीं राज्य अधिनियम में नगर या ग्राम में नागरिकता क्रमांक देने का प्रावधान है।

कब बोले मैं हूं नगर का सेकंड पर्सन- नगरपालिका रामगढ़ की ओर से नगरपालिका सूचना समूह नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है जिसमें नगरपालिका के पार्षद, कर्मचारी व एक-आध नागरिेक भी जोड़ रखें हैं। पुख्ता सूत्रों के अनुसार नगरपालिका चेयरमैन दूदाराम चौहला को भी 19 जून को जोड़ा गया है। इस ग्रुप में नगरपालिका के एक कर्मचारी ने नगरपालिका उपाध्यक्ष जमील कुरेशी के नाम से एक पोस्ट डाली कि रामगढ़ सीएचसी में 20 जून को कोविशील्ड के 300 टीके 18 से 44 आयुवर्ग वालों को लगाये जायेंगे जो विदेश जाने वाले व अन्य व्यक्ति भी लगा सकते हैं। जबकि हकीकत यह है कि चिकित्सा विभाग द्वारा प्रसारित सूचना के अनुसार कोवेक्सीन के टीके लगाये जाने थे और विदेशों में सिर्फ कोविशील्ड के ही टीके मान्य है। शेखावाटी टुडे न्यूज ने अपने स्तर पर सही न्यूज डाली तो नगरपालिका समाचार समूह के एक सदस्य ने शेखावाटी टुडे कार्यालय में फोन करके बताया कि शेखावाटी टुडे की न्यूज गलत है। क्योंकि उसके अनुसार तो वाइस चेयरमैन ही सबसे सही व पुख्ता न्यूज दे सकता है। शेखावाटी टुडे कार्यालय ने पुन: चिकित्सा विभाग से पुष्टि की और नगरपालिका के ग्रुप का स्क्रीन शॉट मंगवाया। इसके बाद पोस्ट डालने वाले नगरपालिका कर्मी को उनके समाचार के गलत होने की बात कही तो बताया कि वाइस चेयरमैन जमील कुरेशी ने भेजी थी। शेखावाटी टुडे ने कहा कि नगरपालिका के उपाध्यक्ष जैसे जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसी गलत व भ्रामक पोस्ट नहीं डालनी चाहिए। वैसे भी नगरपालिका उपाध्यक्ष को चिकित्सा विभाग संबंधी सूचना प्रसारित करने का कोई अधिकार नहीं है और वो भी गलत जानकारी के साथ। कुछ ही देर में नगरपालिका उपाध्यक्ष जमील कुरेशी का शेखावाटी टुडे के संस्थापक व नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा ने पास फोन आया और गला फाड़-फाड़ चिल्लाना शुरू कर दिया कि मैं नगर का सेकंड पर्सन हूं। मुझे मेरा काम बताने वाले तुम कौन हो? मामूली पत्रकार हो, पत्रकार की औकात में रहो। शर्मा ने उसके धमकी भरे लहजे को सुन कर सीधे शब्दों में कहा कि भविष्य में फोन मत करना।

अब ये औकात भी देख लें- विजय कुमार शर्मा न केवल रामगढ़ शेखावाटी के वरिष्ठ पत्रकार हैं अपितु नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। यह संगठन भारत के ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत पंजीकृत है तथा भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध है। इसके पूरे देश भर के राज्यों से इतने सदस्य हैं कि इनकी संख्या रामगढ़ की कुल आबादी से कई गुणा हो जाती है। सदस्य भी ऐसे पत्रकार जो केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों के कार्यों पर निष्पक्ष एवं निर्भीक कलम चलाते हैं। अनेक उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत न्यायाधीश मार्गदर्शक एवं संरक्षक हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा इस पद के लिए केंद्र सरकार के प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो द्वारा अधिस्वीकृत हैं। इन्हें धमकी देने का मतलब उच्चतम न्यायालय व केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार तुरंत गिरफ्तारी व जमानत नहीं। प्रेस कांसिल ऑफ इंडिया द्वारा अलग से कार्यवाही। फिर भी एक साधारण व्यक्ति की तरह रामगढ़ का एक साधारण नागरिक। सभी से सामाजिक रिश्ते। खुद चेयरमैन दूदाराम चौहला को सामाजिक रिश्ते के रूप में अपना भतीजा मानना। सरलता का नमूना देखिए- सेकंड पर्सन का ढ़ोंग पीटने वाले अपने नगरपालिक कृत्यों में नाकाम होकर उनके घर व कार्यालय के आगे की नाली साफ नहीं करा पाते तो है तो सड़ांध मारती नाली को स्वयं साफ कर लेते हैं। है न सेकंड पर्सन के लिये डूबकर मरने वाली बात।

 

 

 

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